चीन की सीक्रेट डील ने उड़ाई दुनिया की नींद
बीजिंग (एजेंसी)। द्वीप ब्रिटेन और जापान का दक्षिण के अलावा दुनिया भी हैरान हैं। बुरी तरह से फस जाते हैं - प्रशांत का हेडक्वॉर्टर रहा चुका है उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों को न्यूजीलैंड की कैंटरबरी युनिवर्सिट चीन और सोलोमन के और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सतर्क कर दिया है। अमेरिकी इस के चीनी शोधकर्ता एन मोरी बैड राजनयिक रिश्तों की बहाली के इसके गहरे पानी ने इसे मजबूत द्वीप को दक्षिण प्रशांत में चीन को कहते हैं, इसकी भौगोलिक स्थिति महीने बाद ही दुनिया के लिए सैन्य हथियार बना दिया था। अब रोकने और महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों से ही पता चल जाता है कि या चौकाने वाली खबर आई है । यह बेहद अहम रणनीतिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए अहम मानते हैं। कितनी अच्छी जगह है। चीसोलोमन और चीन के बीच एक चीन के कब्जे में होगा। न्यूयॉर्क यह चीन के तमाम देशों को दक्षिण प्रशांत में अपनी सैन् सीक्रेट डील हुई है जिसने दुनिया टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, संपन्नता का सपना दिखाकर उनकी पूंजियां बढ़ा रहा है और इसी क्र नींद उड़ा कर रख दी है। खबर पिछले महीने चीन और सोलोमन रणनीतिक पूंजियों पर कब्जा करने में वह बंदरगाहों और एयरफील कि चीन ने सोलोमन के तुलागी द्वीप की प्रांतीय सरकार के बीच का नया उदाहरण है। चीन अपनी पर अपना नियंत्रण स्थापित कर को 75 साल के लीज पर लेने एक गोपनीय समझौता हुआ वैश्विक महत्वाकांक्षाओं को पूरा चाह रहा है।बीजिंग की दक्षिण गुप्त डील की है। इसे अमरीका जिसके तहत चीन की कम्युनिस्ट करने की नई रणनीति के तहत प्रशांत में आर्थिक, राजनीतिक औ लिए झटके के तौर पर देखा जा पार्टी से जुड़ी एक कंपनी ने पूरे विदेशी सरकारों को पैसे का सैन्य महत्वाकांक्षाएं हैं।ना ज्ञान है। हालांकि, चीन के इस बेहद तुलागी द्वीप और इसके आस-पास लालच देने के साथ स्थानीय शिक्षा देना अवसर को बर्बाद करन महत्वाकांक्षी और रणनीतिक कदम के इलाके के विकास कार्यों के मूलभूत ढांचे में निवेश करने का है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ऊ लेकर कोई आधिकारिक बयान लिए अधिकार खरीद लिए । इस वादा करता है और उसके बाद 12 देशों की सची में मलावी आया है। तुलागी नाम का यह सीक्रेट डील से तुलागी निवासियो विकासशील देश कर्ज के जाल में बाद दूसरे नंबर पर है। प्रमुख ने बाल गरीबी